बुरी आदतों को छोड़कर अच्छी आदतों को अपनाएं | The Power Of Habit In Hindi

दोस्तों आज के इस टॉपिक में हम बात करेंगे की कैसे हम बुरी आदतों में पड़ जाते हैं और उनसे छुटकारा पाना बहुत मुश्किल हो जाता है और अच्छी आदतें कैसे हमारी लाइफस्टाइल बदल देती हैं जिसके बारे में हम इस टॉपिक में बात करने वाले हैं |

इस टॉपिक के बारे में The Power Of Habit Book के माध्यम से बताने वाले हैं जिसमे लेखक ने Bad Habits और Good Habits के बारे में अच्छे से बताया है और दोनों के फायदे-नुकसान के बारे में भी बताया है |

10 Lines On The Power Of Habit In Hindi | Bad Habit Vs Good Habit In Hindi

(1).दोस्तों हमारे अंदर बचपन से ही कई तरह की आदतें आ जाती हैं जिनमे कई अच्छी आदतें होती है तो कई बुरी आदतें होती हैं जिस तरह से हम डेली routine में सुबह उठकर व्यायाम करना, नहाना, ब्रश करना और फिर अच्छा ब्रेकफास्ट खाकर अपने काम में निकल जाना इत्यादि होता है | इस तरह की अच्छी आदत हमारे अदंर होती है तो इसी तरह से बुरी आदत भी हमारे अंदर होती है जिसे एकबार हमारा दिमाग सीख जाए तो फिर उसे वह आटोमेटिक करने लगता है |

हैबिट एक तरह से प्रोसेस ऑफ़ फार्मूला की तरह होता है सबसे पहली हैबिट की बात करें तो हमे हैबिट loop के बारे में समझना होगा | जिसे हम तीन भागो में बाँट सकते हैं- Cue, Routine और Reward |

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(2).ये सभी आदतें इसी loop की वजह से बनती हैं Cue का मतलब होता है जो किसी भी एक्टिविटी को हमारे अंदर लाने के लिए ट्रिगर करता है मान लो आप किसी को सिगरेट पीते हुए देखते है तो आपको भी सिगरेट पीने का मन कर सकता है जो बाद में जाकर एक routine में बदल सकता है जो हैबिट की दूसरी स्टेज है | जिसमे आप सिगरेट पीने लग जाओगे |

उसके बाद तीसरी स्टेज होती है reward, जब हम किसी हैबिट को पूरा कर लेते हैं तो हमे कई तरह के reward मिलते हैं अच्छी और बुरी आदतों के बाद हमे जो प्रतिक्रिया मिलती है वो हमारे लिए reward का काम करती है |

(3).जब हम किसी हैबिट में पड़ जाते हैं तो बिना सोचे समझे हम उस काम को करने लगते हैं मानो वो काम खुद ही हो रहा है जैसे हम साइकिल चलाना, स्विमिंग करना जैसी चीजो को करते हैं तो ये काम हम आँख बंद करके भी कर लेते हैं बुरी हैबिट भी इसी तरह से काम करता है जब नशे की आदत पड़ जाती है तो हमे बार-बार यही करने का मन करता है हमारा दिमाग कहता है- छोड़ दो, फिर भी हम छोड़ नहीं पाते हैं उसे पता ही नहीं चल पाता है को वो कितना नशा कर रहा है इन सभी का कारण है- Craving |

(4).आपन अपनी बुरी हैबिट को एक अच्छी हैबिट में बदल सकते हैं ऐसी बुरी आदतों को छोड़ने का मतलब सिर्फ ये नहीं है की आपको सिर्फ नशे को छोड़ना है आपको इसके बदले एक नयी हैबिट को भी अपनाना है जिससे आपका दिमाग डाइवर्ट हो जाए, नहीं तो आप फिर से अपनी बुरी हैबिट को अपना सकते हैं |

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(5).अगर आपको बुरी हैबिट को छोड़ना है तो एक नयी और अच्छी हैबिट को अपनाना शुरू कर दीजिये, जिसमे आपको reward भी मिले | जैसे आप डांस कर सकते हो, म्यूजिक सुनना शुरू कर सकते हैं, मोर्निंग वाक पर जाना शुरू कर सकते हैं, किताबे पढना शुरू कर सकते हैं |

(6).आप इन आदतों को सिर्फ पर्सनल लेवल तक ही सीमित नहीं रख सकते हैं अगर आप एक बिजनेसमैन है तो भी आप अपने कर्मचारी की हैबिट सुधार सकते हैं उन्हें आप बोल सकते हैं की well dress होकर आपको ऑफिस समय पर आना है जिसके बाद आप उन्हें सभी के सामने reward दे सकते हैं इससे हर कोई समय पर ऑफिस भी जाने लगेगा |

(7).अच्छी आदतों को फॉलो करने की तो हर कोई सोचता है लेकिन कर नहीं पाता है जिसका मुख्य कारण है उनके अंदर willpower की कमी का होना, जिन लोगो में willpower मजबूत होती है वे कभी भी बुरी हैबिट के चक्करों में नहीं फंसते हैं |

इंटेलिजेंस से भी ज्यादा पावरफुल है willpower, अगर जिसकी willpower का है तो वह जीवन में सफल नहीं हो सकता है |

(8).किसी भी कंपनी में बड़े-बड़े हेड होते हैं जो अपना अपना काम करते हैं उनके अंडर कई कर्मचारी काम करते हैं जोकि कई बड़े प्रोजेक्ट में busy रहते हैं कभी-कभी इनमे काफी conflict पैदा हो जाता है जिसके कई वजह हो सकती है अगर इनके कामो को सभी में बराबर बाँट लिया जाए तो confusion होने की दिक्कत नहीं होती है सभी अपना काम smoothly करेंगे | कभी-कभी अपने कर्मचारियों को फ्री हैण्ड दे देना चाहिए |

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(9).बड़े-बड़े ब्रांड अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए consumer behavoir का इस्तेमाल करती है उन्हें पता होता है की कौन से टाइप के कस्टमर उनके प्रोडक्ट खरीदती है और किन्हें सामान खरीदने की आदत होती है जैसे लोगो को सब्जी के साथ धनिया-मिर्च फ्री में चाहिए होता है और कई लोगो को डिस्काउंट लेने की आदत भी होती है तो कोई सिर्फ सामान की कीमत पूछते रहते हैं ब्रांड अपने कस्टमर को लुभाने की सभी तरकीब अपनाते हैं वे कस्टमर की साइकोलॉजी से भली-भांति वाकिफ होते हैं |

(10).कुछ लोगो की अपनी पर्सनल हैबिट भी होती है जिसकी वजह से उनकी काफी इज्जत होती है आप भी उनकी तरह ऐसी कुछ आदतों को अपना सकते हैं जैसे- दोस्ती करना, हमेशा खुश रहना, दूसरो की मदद करना, मोर्निंग में जल्दी उठना, वर्कआउट करना जैसी गुड हैबिट आपको सफल इंसान बनाती हैं |

कुछ इसी तरह के extrovert स्वभाव के लोग होते हैं वे जल्दी से घुलमिल जाते हैं जल्दी से दोस्त बना लेते हैं इसी तरह से कुछ लोग introvert स्वभाव के भी होते हैं वो काफी शर्मीले होते हैं ज्यादा दोस्त भी नहीं होते हैं लेकिन ऐसा होना कोई गलत बात नहीं है ऐसे लोग काफी जीनियस भी होते हैं बस आपको ये देखना है की आपको किस तरह की पर्सनल हैबिट बनानी है| दोस्तों सभी के अंदर कुछ न कुछ बुरी आदत जरुर होती है जिसे वे छोड़ना चाहते है और इसके लिए वे काफी स्ट्रगल भी करते हैं अगर बुरी आदतों को छोड़ना है तो उसे pain से जोड़कर देखें | मान लो आपको शराब छोडनी है तो आपको ये सोचना है की इससे लीवर खराब होता है, मुझे कैंसर भी हो सकता है मेरी जिन्दगी बर्बाद भी हो सकती है | मेरे फॅमिली, फ्रेंड, रिश्तेदार मुझसे नफरत करेंगे, जिससे सीखकर शायद बुरी आदतों को छोड़ दें |

मेरा नाम vikram mehra है मै उत्तराखंड का रहने वाला हु मैंने अपनी कॉलेज की पढाई B.sc से की है और मै अपने इस ब्लॉग में लोगों को एक्सक्लूसिव जानकारी देता हु और ऐसा करना मुझे बहुत अच्छा लगता है

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